Lesson 15 सूर्य नमस्कार
1- सूर्य नमस्कार
हमे एक अच्छे दिन की शुरुआत के लिये प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व जागकर उगते सूर्य को नमस्कार करना चाहिये । उगते हुए सूर्य को बाल सूर्य कहते है । यदि हम बाल सूर्य के समक्ष दोनो आखें बंदकर हाथ जोडकर खडे हो जाये, तो सूर्य की पहली किरण हमारे शरीर को जब स्पर्श करती है, तब हमे एक नई ऊर्जा, एक नई शक्ति मिलती है और यह शक्ति शरीर को एक स्फुर्ति प्रदान करती है, हमारे अन्दर सोई हुइ शक्ति को जगाती है । संसार में बहुत सारी प्राकृतिक चीजे है,जैसे :– हवा, पानी, आकाश, पृथ्वी, पेड, पौधे, सूर्य,चन्द्रमा आदि ।इन सभी प्राकृतिक वस्तुओ का हमारे शरीर पर, मन पर पूर्ण प्रभाव पड़ता है, यदि हम प्रातः काल किसी बगीचे में भ्रमण करते है तो वहाँ की हरियाली को देखकर मन को प्रसन्नता मिलती है । आँखों को ठंडक मिलती है ,तथा नंगे पैर घास पर चलने से आँखों की ज्योति बढती है । शुद्ध हवा शरीर तथा मन को प्रफुल्लित करती है ।
२- बोधकथा - वीर बालक प्रल्हाद
pdf देखें.............
Lesson 15 सूर्य नमस्कार
२- बोधकथा - वीर बालक प्रल्हाद
विडियो देखें....
https://www.youtube.com/watch?v=gp0DeCPd4Zs
1- सूर्य नमस्कार
हमे एक अच्छे दिन की शुरुआत के लिये प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व जागकर उगते सूर्य को नमस्कार करना चाहिये । उगते हुए सूर्य को बाल सूर्य कहते है । यदि हम बाल सूर्य के समक्ष दोनो आखें बंदकर हाथ जोडकर खडे हो जाये, तो सूर्य की पहली किरण हमारे शरीर को जब स्पर्श करती है, तब हमे एक नई ऊर्जा, एक नई शक्ति मिलती है और यह शक्ति शरीर को एक स्फुर्ति प्रदान करती है, हमारे अन्दर सोई हुइ शक्ति को जगाती है । संसार में बहुत सारी प्राकृतिक चीजे है,जैसे :– हवा, पानी, आकाश, पृथ्वी, पेड, पौधे, सूर्य,चन्द्रमा आदि ।इन सभी प्राकृतिक वस्तुओ का हमारे शरीर पर, मन पर पूर्ण प्रभाव पड़ता है, यदि हम प्रातः काल किसी बगीचे में भ्रमण करते है तो वहाँ की हरियाली को देखकर मन को प्रसन्नता मिलती है । आँखों को ठंडक मिलती है ,तथा नंगे पैर घास पर चलने से आँखों की ज्योति बढती है । शुद्ध हवा शरीर तथा मन को प्रफुल्लित करती है ।
२- बोधकथा - वीर बालक प्रल्हाद
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