हिन्दू नव वर्ष के वैज्ञानिक तथ्य
हिन्दू नव वर्ष कब मनाया जाता है : हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल प्रतिपदा के प्रथम दिन हिन्दू नव वर्ष मनाया जाता है..ऐसी मान्यता है की सतयुग का प्रथम दिन भी इसी दिन शुरू हुआ था..एक अन्य मान्यता के अनुसार ब्रम्हा ने इसी दिन सृष्टि का सृजन शुरू किया था..भारत के कई हिस्सों में गुडी पड़वा या उगादी पर्व मनाया जाता है.इस दिन घरों को हरे पत्तों से सजाया जाता है और हरियाली चारो और दृष्टीगोचर होती है.
इस वर्ष पश्चिमी कलेंडर के अनुसार ये वर्ष11 अप्रैल २०१3 को शुरू होगा..
चलिए आप सभी को नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें आशा करूँगा की ये नव वर्ष आप सभी के जीवन में अपार हर्ष और खुशहाली ले कर आये.. हिन्दू पंचांग महीनो के नाम और पश्चिम में कैलेंडर में उस माह का अनुवाद
चैत्र--- मार्च-अप्रैल
वैशाख--- अप्रैल-मई
ज्येष्ठ---- मई-जून
आषाढ--- जून-जुलाई
श्रावण--- जुलाई - अगस्त
भाद्रपद--- अगस्त -सितम्बर
अश्विन्--- सितम्बर-अक्टूबर
कार्तिक--- अक्टूबर-नवम्बर
मार्गशीर्ष-- नवम्बर-दिसम्बर
पौष----- दिसम्बर -जनवरी
माघ---- जनवरी -फ़रवरी
फाल्गुन-- फ़रवरी-मार्च
हिन्दू नव वर्ष के वैज्ञानिक तथ्य:
१ चैत्र माह मतलब हिन्दू नव वर्ष के शुरू होते ही रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते है..
२ पेड़ों पर नवीन पत्तियों और कोपलों का आगमन होता है..पतझड़ ख़तम होता है और बसंत की शुरुवात होती है..
३ प्रकृति में हर जगह हरियाली छाई होती है प्रकृति का नवश्रृंगार होता है..
४ धर्म को मानने वाले लोग पूजा पाठ करते है मंदिर जातें है नदी स्नान करतें है..
५ भास्कराचार्य ने इसी दिन को आधार रखते हुए गड़ना कर पंचांग की रचना की.
५ हमारे हिन्दुस्थान में सभी वित्तीय संस्थानों का नव वर्ष अप्रैल से प्रारम्भ होता है .
आप ही सोचे क्या जनवरी के माह में ये नवीनता होती है नहीं तो फिर नव वर्ष कैसा..शायद किसी और देश में जनवरी में बसंत आता हो तो वो जनवरी में नव वर्ष हम क्यूँ मनाये???
हिन्दू नव वर्ष कब मनाया जाता है : हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल प्रतिपदा के प्रथम दिन हिन्दू नव वर्ष मनाया जाता है..ऐसी मान्यता है की सतयुग का प्रथम दिन भी इसी दिन शुरू हुआ था..एक अन्य मान्यता के अनुसार ब्रम्हा ने इसी दिन सृष्टि का सृजन शुरू किया था..भारत के कई हिस्सों में गुडी पड़वा या युगादी पर्व मनाया जाता है.इस दिन घरों को हरे पत्तों से सजाया जाता है और हरियाली चारो और दृष्टीगोचर होती है.
pdf देखें.....
भारतीय नववर्ष
धर्म और विज्ञान 5
हिन्दू नव वर्ष कब मनाया जाता है : हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल प्रतिपदा के प्रथम दिन हिन्दू नव वर्ष मनाया जाता है..ऐसी मान्यता है की सतयुग का प्रथम दिन भी इसी दिन शुरू हुआ था..एक अन्य मान्यता के अनुसार ब्रम्हा ने इसी दिन सृष्टि का सृजन शुरू किया था..भारत के कई हिस्सों में गुडी पड़वा या उगादी पर्व मनाया जाता है.इस दिन घरों को हरे पत्तों से सजाया जाता है और हरियाली चारो और दृष्टीगोचर होती है.
इस वर्ष पश्चिमी कलेंडर के अनुसार ये वर्ष11 अप्रैल २०१3 को शुरू होगा..
चलिए आप सभी को नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें आशा करूँगा की ये नव वर्ष आप सभी के जीवन में अपार हर्ष और खुशहाली ले कर आये.. हिन्दू पंचांग महीनो के नाम और पश्चिम में कैलेंडर में उस माह का अनुवाद
चैत्र--- मार्च-अप्रैल
वैशाख--- अप्रैल-मई
ज्येष्ठ---- मई-जून
आषाढ--- जून-जुलाई
श्रावण--- जुलाई - अगस्त
भाद्रपद--- अगस्त -सितम्बर
अश्विन्--- सितम्बर-अक्टूबर
कार्तिक--- अक्टूबर-नवम्बर
मार्गशीर्ष-- नवम्बर-दिसम्बर
पौष----- दिसम्बर -जनवरी
माघ---- जनवरी -फ़रवरी
फाल्गुन-- फ़रवरी-मार्च
हिन्दू नव वर्ष के वैज्ञानिक तथ्य:
१ चैत्र माह मतलब हिन्दू नव वर्ष के शुरू होते ही रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते है..
२ पेड़ों पर नवीन पत्तियों और कोपलों का आगमन होता है..पतझड़ ख़तम होता है और बसंत की शुरुवात होती है..
३ प्रकृति में हर जगह हरियाली छाई होती है प्रकृति का नवश्रृंगार होता है..
४ धर्म को मानने वाले लोग पूजा पाठ करते है मंदिर जातें है नदी स्नान करतें है..
५ भास्कराचार्य ने इसी दिन को आधार रखते हुए गड़ना कर पंचांग की रचना की.
५ हमारे हिन्दुस्थान में सभी वित्तीय संस्थानों का नव वर्ष अप्रैल से प्रारम्भ होता है .
आप ही सोचे क्या जनवरी के माह में ये नवीनता होती है नहीं तो फिर नव वर्ष कैसा..शायद किसी और देश में जनवरी में बसंत आता हो तो वो जनवरी में नव वर्ष हम क्यूँ मनाये???
हिन्दू नव वर्ष कब मनाया जाता है : हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल प्रतिपदा के प्रथम दिन हिन्दू नव वर्ष मनाया जाता है..ऐसी मान्यता है की सतयुग का प्रथम दिन भी इसी दिन शुरू हुआ था..एक अन्य मान्यता के अनुसार ब्रम्हा ने इसी दिन सृष्टि का सृजन शुरू किया था..भारत के कई हिस्सों में गुडी पड़वा या युगादी पर्व मनाया जाता है.इस दिन घरों को हरे पत्तों से सजाया जाता है और हरियाली चारो और दृष्टीगोचर होती है.
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भारतीय नववर्ष
धर्म और विज्ञान 5
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