Lesson 16 पंचपदी शिक्षण भाग २
१- पंचपदी शिक्षण भाग २
विद्या भारती की अभिनव पंचपदी षिक्षण पद्धति
1. ज्ञानार्जन किया जाता है-दिया नहीं जाता ।
2. सीखने की इस प्रक्रिया में हम इसलिए प्रस्तावना के बाद कहते हैं
आइये आज हम सब अमुक विषय के बारे में अध्ययन करेंगे।
२- शिक्षण के सिद्धान्त एंव पद्धतियाँ:-
शिक्षण एक संस्कार प्रक्रिया है। शिक्षण का तात्पर्य मनुष्य के ज्ञानात्मक, भावात्मक एवं क्रियात्मक संस्कारों का समन्वय एवं विकास करना तथा उसके व्यवहार में परिवर्तन लाना है । ज्ञान से इच्छा का जागरण होता है और इच्छा मनुष्य को क्रियाशील बनाती है अर्थात् व्यवहार कराती है ।
Lesson 16 पंचपदी शिक्षण भाग २
२- शिक्षण के सिद्धान्त एंव पद्धतियाँ
१- पंचपदी शिक्षण भाग २
विद्या भारती की अभिनव पंचपदी षिक्षण पद्धति
1. ज्ञानार्जन किया जाता है-दिया नहीं जाता ।
2. सीखने की इस प्रक्रिया में हम इसलिए प्रस्तावना के बाद कहते हैं
आइये आज हम सब अमुक विषय के बारे में अध्ययन करेंगे।
२- शिक्षण के सिद्धान्त एंव पद्धतियाँ:-
शिक्षण एक संस्कार प्रक्रिया है। शिक्षण का तात्पर्य मनुष्य के ज्ञानात्मक, भावात्मक एवं क्रियात्मक संस्कारों का समन्वय एवं विकास करना तथा उसके व्यवहार में परिवर्तन लाना है । ज्ञान से इच्छा का जागरण होता है और इच्छा मनुष्य को क्रियाशील बनाती है अर्थात् व्यवहार कराती है ।
Lesson 16 पंचपदी शिक्षण भाग २
२- शिक्षण के सिद्धान्त एंव पद्धतियाँ
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