Lesson -3 सनातन धर्म के संस्कार
1- सनातन धर्म के संस्कार
हिन्दू धर्म में सोलह संस्कारों (षोडश संस्कार) का उल्लेख किया जाता है जो मानव को उसके गर्भ में जाने से लेकर मृत्यु के बाद तक किए जाते हैं। इनमें से विवाह, यज्ञोपवीत इत्यादि संस्कार बड़े धूमधाम से मनाये जाते हैं। वर्तमान समय में सनातन धर्म या हिन्दू धर्म के अनुयायी गर्भधान से मृत्यु तक १६ संस्कारों में से पसार होते है।
संस्कार शब्द का अर्थ है - शुद्धिकरण ; अर्थात् मन, वाणी और शरीर का सुधार। हमारी सारी प्रवृतियों का संप्रेरक हमारे मन में पलने वाला संस्कार होता है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में व्यक्ति निर्माण पर जोर दिया गया है। हिन्दू संस्कारों का इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है।
pdf देखें.......
Lesson -3 सनातन धर्म के संस्कार
2- भारतीय संस्कृति में भारतीय दर्शन
3- बोधकथा में ईश्वर
विडियो.....
https://youtu.be/Ef7HCqQ9H6Q
https://youtu.be/XCtXQiNlXDs
1- सनातन धर्म के संस्कार
हिन्दू धर्म में सोलह संस्कारों (षोडश संस्कार) का उल्लेख किया जाता है जो मानव को उसके गर्भ में जाने से लेकर मृत्यु के बाद तक किए जाते हैं। इनमें से विवाह, यज्ञोपवीत इत्यादि संस्कार बड़े धूमधाम से मनाये जाते हैं। वर्तमान समय में सनातन धर्म या हिन्दू धर्म के अनुयायी गर्भधान से मृत्यु तक १६ संस्कारों में से पसार होते है।
संस्कार शब्द का अर्थ है - शुद्धिकरण ; अर्थात् मन, वाणी और शरीर का सुधार। हमारी सारी प्रवृतियों का संप्रेरक हमारे मन में पलने वाला संस्कार होता है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में व्यक्ति निर्माण पर जोर दिया गया है। हिन्दू संस्कारों का इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है।
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2- भारतीय संस्कृति में भारतीय दर्शन
3- बोधकथा में ईश्वर
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