Lesson 33 परिसंचरण तन्त्र 2

Lesson 33 परिसंचरण तन्त्र 2
1- परिसंचरण तन्त्र 2
रक्त परिसंचरण तंत्र (Blood Circulatory System)
परिसंचरण तंत्र का अर्थ है रक्त का समस्त शरीर में परिभ्रमण। मानव के परिसंचरण तंत्र में रक्त नलिकाएं (Blood vessels) तथा हृदय मुख्य रूप से कार्य करते हैं। हृदय एक पेशीय अंग है, जिसका वजन लगभग 280 ग्राम होता है। हृदय एक पंप की तरह काम करता है। हृदय से रक्त धमनियों द्वारा शरीर के विभिन्न भागों को जाता है तथा वहां से शिराओं के द्वारा हृदय में वापस आता है। इस प्रकार रक्त, हृदय धमनियों और शिराओं द्वारा पूरे शरीर में जीवनभर लगातार भ्रमण करता रहता है।
जीवित अवस्था में रक्त शरीर में सदैव संचरण करता रहता है। रक्त के इसी प्रकार से संचरण करने की क्रिया को रक्त परिसंचरण कहते है।

pdf यहाँ से देखें--
Lesson 33 परिसंचरण तन्त्र 2
2- दुनिया के प्रमुख वैज्ञानिक और उनके आविष्कार (संग्रहनीय पाठ)
3- विज्ञान के प्रयोग - कौन सी मोमबत्ती पहले बुझेगी 

विडियो यहाँ से देखे--
https://www.youtube.com/watch?v=INMGX5XEKuU
https://www.youtube.com/watch?v=dC7GZiNJ4sw
https://www.youtube.com/watch?v=QkNFSP6JU04
https://www.youtube.com/watch?v=qWti317qb_w


आलोक - आज प्रश्न lesson 33 परिसंचरण तन्त्र 2 से ही आयेंगे, दुनिया के प्रमुख वैज्ञानिक पाठ संग्रहनीय पाठ है..बच्चों को वैज्ञानिकों के जीवन से परिचित कराने हेतु दिया जा रहा है.


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